मंगलवार, 27 नवंबर 2007

मैनें लिखा...


नमस्कार,

मेरे एक दोस्त ने मुझे अपने ब्लॉग का लिंक भेजा। मैनें वहां जो कुछ लिखा उसका संपादित अंश आपके लिए यहां भी .......

ब्लॉग के होम पेज पर पढ़ा कि अपने विचार या दिल की बात यहां रख सकते हैं। कौन से दिल की बात, वो जो खुद मैं अपने आप से नहीं कह पाता या फिर वो जिनको कहने की हिम्मत लाखों लोगों में नहीं होती। आपने तो वो गाना सुना ही होगा, हर चेहरे के पीछे एक चेहरा छुपा लेते हैं लोग.........यारों दुनिया यूं ही चल रही है। कम से कम मेरे हिसाब से तो ऐसा ही है। तभी तो दिल की बात जुबां पर नहीं आती। हर शब्द बोलने से पहले हजार बार सोचते हैं लोग। इज्जत, सोहरत और स्टेटस के साथ अपने भविष्य की चिंता आप जोड़ते हैं आपके कथन के साथ। सोची हुई चीज कभी दिल की बात हो ही नहीं सकती, कैसा लगता है आपको ? दिल की बात तो अनायास या बिना रोक-टोक जुबां पर आनी चाहिए। RK का आपको सलाम...........गलतियों के लिए माफी चाहूंगा, लेकिन हां अगर आपकी प्रतिक्रिया मिली तो उसे प्रोत्साहन मानने की हिमाकत जरूर करूंगा। धन्यवाद।

स्वागत है


नमस्कार बंधुओं,

यूं तो हमें लिखने की आदत नहीं, लेकिन अधिकतर साथियों को ब्लॉग बनाते देख मैनें भी सोचा, क्यों न मैं भी एक बना डालूं। अब देखते हैं कि कितने दिनों तक मैं इसे चला पाता हूं। जी हां, क्योंकि तीन साल से भी अधिक समय तक .com में काम करने के बाद मैनें कोई ब्लॉग नहीं बनाया, अब तो मैं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हूं। खैर छोड़ियो... अभी तक मैनें अपने ब्लॉग के लिए कोई विषय तो चुना नहीं है लेकिन जैसा कि नाम (जरा सुनिए तो) से जाहिर है कि यहां आपको मेरी बातें पढ़ने को मजबूर होना पड़ेगा। डरिए मत आप भी अपनी बात यहां कह सकते हैं......... अच्छा-बुरा, नेशनल-इंटरनेशनल, अपनी और दूसरों की..... तो आप सबका यहां स्वागत है। RK का आपको सलाम...........धन्यवाद।